आज दिन
में जब बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार सलमान खान को पॉच साल की सजा सुनाई तब सबसे
बड़ी हार उनके पीआर टीम की हुई। बिश्नोई समाज से जुड़े लोग अपनी खुशी जता रहे है,
क्योंकि उनके मुताबिक सालों बाद आखिरकार न्याय की जीत हुई। मामला कुछ ऐसा है,1998
में सलमान जब राजश्री प्रोडक्शन की तहत बन रही सूरज बड़जात्या की “फिल्म हम साथ साथ है” की शुंटिग कर रहें
थे तब 1 अक्टूबर 1988 की शाम सब ने काम खत्म किया और काकंणी गांव में शिकार करने
चले गए। कुछ देर बाद गांव वालों को गोली की आवाज सुनाई दी और घायल हिरण दिखे।
कई केस
में बचते आए सलमान खान इस बार नहीं बच पाए। आज के लिए तो न्युज वालों को टीआरपी
मिल गयी। जोधपुर कोर्ट ने उन्हें काले हिरण केस में दोषी पाया और पॉच साल की सजा
का ऐलान किया। इस केस में दबंग खान के साथ-साथ सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली
बेंद्रे, नीलम का भी नाम है लेकिन कोर्ट के फैसले में वो बरी कर दिए गए है। भाईजान
को जोधपुर पुलिस ने कोर्ट में ही हिरासत में ले लिया और जेल भेजने की तैयारी में
लग गए। सलमान को अब कम से कम एक रात तो जेल में गुजारनी ही पड़ेगी। बेल फाईल करना
और हाई कोर्ट में सजा पर रोक लगाने के लिए उनके वकील अपनी योजना बना रहे हैं।
1988 के
सलमान में और आज के सलमान में बहुत अंतर है, तब जो उन्होनें किया आज वो करने की
सोच भी नहीं सकते। इतने सालों में उनकी पीआर टीम ने उनकी छवि बेहतर बनाने के लिए
बहुत कुछ किया है। उनके बीइंग ह्यूमन का प्रचार कुछ इस तरीके से किया गया है, शायद
ही किसी स्टार के एनजीओ का इतना प्रचार हुआ हो। इनके इसी एनजीओं की दलीलें दे कर
कई बार सलमान को बचाया गया है। इस बार जब वो सफल नहीं हो पाए तो क्या पीआर टीम में
से किसी की नौकरी चली जाएगी या पुरे पैसे मिले पाएंगे।
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